‘हमारे गणराज्य का उद्देश्य है इसके नागरिकों के लिए न्याय, स्वतंत्रता और समता प्राप्त करना तथा इस विशाल देश की सीमाओं में निवास करने वाले लोगों में भ्रातृ-भाव बढ़ाना, जो विभिन्न धर्मों को मानते हैं, अनेक भाषाएँ बोलते हैं और अपने विभिन्न रीति-रिवाजों का पालन करते हैं। हम सभी देशों के साथ मित्रता करके रहना चाहते हैं। हमारे भावी कार्यक्रमों में रोग, गरीबी और अज्ञान का उन्मूलन शामिल है।
हम
उन सभी विस्थापित लोगों को फिर से बसाने तथा उन्हें फिर से स्थिरता देने
के लिए चिंतित हैं, जिन्होंने बड़ी मुसीबतें सही हैं और हानियाँ उठाई हैं
और जो अभी भी मुसीबत में हैं। जो लोग किसी प्रकार के अधिकारों से वंचित
हैं, उन्हें विशेष सहायता मिलनी चाहिए।
इस
लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए यह आवश्यक है कि हम उस स्वतंत्रता को
सुरक्षित रखें, जो आज हमें प्राप्त है लेकिन राजनीतिक स्वतंत्रता के समान
ही आर्थिक और सामाजिक स्वतंत्रता भी समय की माँग है। वर्तमान हमसे अतीत की
अपेक्षा भी अधिक निष्ठा और बलिदान माँग रहा है।
मैं
आशा और प्रार्थना करता हूँ कि हमें जो अवसर मिला है, हम उसका उपयोग करने
में समर्थ हो सकेंगे। हमें अपनी सारी भौतिक और शारीरिक शक्तियाँ अपनी जनता
की सेवा में लगा देनी चाहिए। मैं यह भी आशा करता हूँ कि इस शुभ और आनंदमय
दिवस के आगमन पर खुशियाँ मनाती हुई जनता अपनी जिम्मेदारी का अनुभव करेगी और
अपने आपको फिर उस लक्ष्य की पूर्ति के लिए समर्पित कर देगी, जिसके लिए
राष्ट्रपिता जिए, काम करते रहे और मर गए।’